मध्यप्रदेश में अब तक मालवा-निमाड़ से चार डिप्टी सीएम, इस बार उपमुख्यमंत्री का कौन होगा दावेदार

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Jitendra Shrivastava
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मध्यप्रदेश में अब तक मालवा-निमाड़ से चार डिप्टी सीएम, इस बार उपमुख्यमंत्री का कौन होगा दावेदार

BHOPAL. मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा सोमवार शाम तक हो सकती है। मुख्यमंत्री के लिए जो भी नाम होगा वह पर्यवेक्षक बताएंगे उस पर सहमति होना भी तय है। इसके लिए कई दावेदारों को देखते हुए प्रदेश को उप मुख्यमंत्री भी मिल सकता है। हालांकि, प्रदेश में यह पहला प्रयोग नहीं होगा। इसके पहले भी यह प्रयोग अपनाया जा चुका है। यह भी एक संयोग है कि प्रदेश में अभी तक चार उप मुख्यमंत्री बनाए गए और वे चारों ही मालवा निमाड़ से चुने गए थे। मालवा निमाड़ को साधने का काम वर्षों से किया जाता रहा है। देखना है इस बार मालवा निमाड़ से प्रदेश में क्या किसी को उप मुख्यमंत्री बनाया जाता है और यदि यह होता है तो क्या मालवा निमाड़ का यह मिथक कायम रहेगा?

इस बार मालवा निमाड़ से 9 महिला भी विधायक

एमपी के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की आंधी देखने को मिली, तो वहीं मालवा निमाड़ में एक बार फिर बीजेपी अपना दबदबा कायम करने में कामयाब रही। अब जब मध्य प्रदेश में मंत्रिमंडल की रेस शुरू हो गई है तो महिला विधायकों को भी उम्मीदें बढ़ी हैं। मालवा निमाड़ की 66 सीटों में से बीजेपी की 9 महिला विधायक चुनकर आई है। इनमें सात महिला विधायक ऐसी भी हैं, जो अनुभव के आधार पर मंत्री पद के लिए ताल ठोक रही है।

पहले डिप्टी सीएम वीरेंद्र कुमार सकलेचा

आलाकमान को इन सभी प्रमुख नेताओं को जिम्मेदारी देना है। माना जा रहा है कि सत्ता संतुलन के लिए इस बार प्रदेश में डिप्टी सीएम के फार्मूले को अपनाया जा सकता है। मध्यप्रदेश गठन के बाद 1957 से समय-समय पर संतुलन बैठाने के यह प्रयोग प्रदेश में किया गया है। 1967 में प्रदेश में पहली गैरकांग्रेसी संविद सरकार का गठन हुआ, गोविंदनारायण सिंह मुख्यमंत्री बने थे। उस सरकार में सबसे बड़ा सहयोगी दल जनसंघ था और इसमें जावद से निर्वाचित वीरेंद्र कुमार सकलेचा को उप-मुख्यमंत्री चुना गया था।

1980 में शिवभानुसिंह सोलंकी बने थे उपमुख्यमंत्री

1980 में प्रदेश में अर्जुन सिंह मुख्यमंत्री बनाए गए तब यह मांग उठी थी कि आदिवासी नेता को मुख्यमंत्री बनाया जाए। तब मनावर-धार से निर्वाचित शिवभानुसिंह सोलंकी का नाम भी मुख्यमंत्री पद के लिए चर्चा में रहा था, परन्तु उन्हें उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था। 1993 में दिग्विजय सिंह प्रदेश के मुखिया बने तब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कसरावद, खरगोन से निर्वाचित सुभाष यादव को उप-मुख्यमंत्री बनाया गया था। इनके अलावा 1993 में प्यारेलाल कंवर भी उप मुख्यमंत्री बने थे।

देश की पहली महिला उप मुख्यमंत्री जमुनादेवी

1998 में जब दिग्विजय सिंह की दूसरी पारी आरंभ की तब कुक्षी-धार से निर्वाचित जमुना देवी को उप मुख्यमंत्री बनाया गया था। जमुनादेवी देश की पहली महिला उप-मुख्यमंत्री थीं। मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य 1963 में उत्तरप्रदेश की सुचेता कृपलानी के नाम है। जमुनादेवी को उप-मुख्यमंत्री बनाने के पीछे आदिवासी चेहरे को सामने लाना था।

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